- भाजपा विधायक दल की बैठक कल सोमवार शाम चार बजे।
देहरादून: उत्तराखंड में पांचवी विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ को लेकर आदेश जारी हो गए हैं। इसके तहत 21 मार्च यानी कल सोमवार सुबह सबसे पहले 10:00 बजे राजभवन में राज्यपाल प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत को शपथ दिलाएंगे।
प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ लेने के बाद बंशीधर भगत करीब 11 बजे विधानसभा में नवनिर्वाचित सभी सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। शपथ को लेकर विधानसभा और सचिवालय में तैयारियां शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि, आमतौर पर प्रोटेम स्पीकर का काम नए सदस्यों को शपथ दिलाना और स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष) का चुनाव कराना होता है। सामान्यतः सबसे सीनियर मोस्ट विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। विधानसभा सचिवालय की तरफ से राज्यपाल को सीनियर मोस्ट विधायकों के नाम भेजे जाते हैं। राज्यपाल का विशेषाधिकार के तहत उनसे से एक सीनियर मोस्ट विधायक को चुनता है।
प्रोटेम (Pro-tem) लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर (Pro Tempore) का संक्षिप्त रूप है। इसका शाब्दिक आशय होता है-‘कुछ समय के लिए।’ प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गवर्नर करता है और इसकी नियुक्ति आमतौर पर तब तक के लिए होती है, जब तक विधानसभा अपना स्थायी विधानसभा अध्यक्ष नहीं चुन लेती।
कल विधायक दल की बैठक में उत्तराखंड को मिलेगा नया मुख्यमंत्री
वहीं उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा संगठन में जद्दोजहद चल रही है, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगी है। केंद्रीय भाजपा संगठन मुख्यमंत्री चयन को लेकर लगातार बैठकें कर रहा है। राजधानी देहरादून में सोमवार को विधायक दल की बैठक होगी। जिसके बाद नए मुख्यमंत्री के नाम से पर्दा उठ जाएगा। यह बैठक शाम चार बजे होगी। जिसमें सभी विधायक मौजूद रहेंगे। भाजपा हाईकमान ने भी विधायकों को देहरादून पहुंचने का निर्देश भी दिया है। इस बैठक के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक और मीनाक्षी लेखी को सह पर्यवेक्षक चुना गया है। जिनके रविवार की शाम या सोमवार दोपहर तक देहरादून पहुंच जाने की संभावना है।
मुख्यमंत्री के नाम को लेकर बने सस्पेंस के बीच दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर भाजपा के कई नेताओं ने मंथन किया। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महासचिव बीएल संतोष और राज्य के केंद्रीय चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे।
चर्चाओं में कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सबसे आगे हैं। विधायकों में कद्दावार नेता सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत और ऋतु खंडूड़ी के नाम की भी चर्चा है। राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं। बताया जा रहा है कि, गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक सतपाल महाराज के साथ सीएम के नाम पर चर्चा की गई।
वहीं माना जा रहा है कि, अगर पार्टी किसी नए चेहरे का चयन करने का फैसला लेती है तो क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बैठाना काफी अहम होगा। चूंकि कुमाऊं के एक ब्राह्मण नेता अजय भट्ट को पहले ही केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया जा चुका है, ऐसे में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बैठाने के लिए गढ़वाल के एक ठाकुर या राजपूत नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो सतपाल महाराज या धन सिंह रावत, जो गढ़वाल के प्रमुख ठाकुर नेता हैं, मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा चेहरा बनकर उभर सकते हैं।